अजय पोदार लिखते हैं, फोटोग्राफी जितनी दर्दनाक है, उतनी ही आकर्षक भी है।
आप जो भी करते हैं, उसे एक सम्मोहक जुनून के साथ करते हैं – अजय पोदार ।
लगभग 1967 में सभी कैमरों ने फिल्म का इस्तेमाल किया। यह फोटोग्राफी का एक अलग युग था। गीले तौर तरीके के माध्यम से फोटो विकसित किए जाते थे। मेरी माँ के पास एक कॉन्टेक्स नामक जर्मनी कैमरा था जो साधारण और दृश्यदर्शी था । जब मैं बड़ा हो गया तो मेरी मां ने मुझे कैमरा दिया और सलाह दी कि मैं फोटोग्राफी को अपना शौक बना लूँ । इस प्रकार इंडो अमेरिकन सोसायटी में मेरी गंभीर फोटोग्राफी की पाठ्यक्रम यात्रा शुरू हुई ।
मुझे आज भी श्री पी.के.एम पिल्लई की याद है। वो सज्जन पूरी तरह से फोटोग्राफी सिखाने के लिए समर्पित और केंद्रित थे । शुरुआती पाठ्यक्रम के बाद, मैंने वहां छह और पाठ्यक्रम किए। इंडो अमेरिकन सोसायटी छोटी फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं की मेहमानवाजी करती थी जिसमें पिछले वर्ग के लोगों को भी भाग लेने की इजाज़त थी । मैंने भी भाग लिया और कुछ पुरस्कार जीते। युवाअवस्था में ये पुरस्कार आपको आत्मविश्वास का अनुभव कराते हैं। मेरी रुचि वहाँ से बढ़ती रही। इसके बाद मैंने जो फोटोग्राफी की वह किसी भी व्यावसायिक अनुप्रयोग के लिए नहीं थी। बाद में, मैंने विज्ञापनों के लिए कुछ फोटोग्राफी की, जहाँ मुझे काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और समय के साथ मुझे मेरा दृष्टिकोण मिल गया और मैं अपने एक व्यावहारिक कीर्तिमान पर पहुंच गया ।
फिल्म अभी भी अनूठी है
मैंने फोटोग्राफी के व्यवसाय के ढंग सिख लिए और खुद फिल्म की प्रतियां बनानी और छापनी शुरू कर दी ,जब तक कि मीडीया डिजिटल में परिवर्तित नहीं हो गया । लगभग सभी कंपनियां जो पहले फिल्में बनातीं थीं और प्रतियां छापने का काम करती थी,उनका कारोबार अब बंद हो गया था ।पूरी दुनिया में शायद ही एक या दो लोग हैं जो व्यावसायिक उपयोग के लिए फिल्मों का निर्माण करते हैं। तथापि जिस तरह का काम आप फिल्म कैमरा के साथ कर सकते हैं, आप डिजिटल पर वैसा नहीं कर पाते । डिजिटल प्रारूप आया और मैं उसमें भी शामिल हो गया। मेरे अनुभव में डिजिटल कैमरा फिल्म के अलावा कई अन्य विषयों के लिए अद्भुत काम करता है। लेकिन जब चित्र माला की बात आती है, तो एक फिल्म कैमरा वह है जो मैं उपयोग करता हूं।
1980 के दशक के दौरान, मेरी पत्नी और मैंने लॉस वेगास की यात्रा की। लॉस वेगास में अपनी छुट्टी के दौरान हमने एक जगह देखी जो फोटोगैलरी के जैसे प्रतीत हो रही थी।ये दिलचस्प लग रही थी और हमने इसे जांचने के लिए अनमने मन से कदम रखा।लेकिन यह असाधारण निकला। गैलरी विशाल परिदृश्यों से भरी हुई थी। यदि आप किसी भी तस्वीर के सामने खड़े होते तो आपको ऐसा महसूस होता की आप वास्तव में वहाँ पहुंच गए हैं जहाँ की वह तस्वीर है। और इससे मुझे प्रेरणा मिली।
तस्वीर को चौड़ी कैसे की जाएं?
जब फैला हुआ परिदृश्य या चित्र माला को खींचने की बात आती है, तो अधिकांश लोग अपने कैमरे पर फोटो खींचने के लिए एक विस्तृत लैंस का उपयोग करते हैं। वाइड-एंगल लैंस में एक बड़ी कमी है; जो तस्वीरे चौडी होती है उनके किनारे तिरछे लगते है क्योंकि यह एक प्राकृतिक नियम है। एक पेशेवर तरीका एक ऐसा कैमरा प्राप्त करना होगा जिसका नेगेटिव डिजिटल छवि सेंसर की तुलना में तीन से चार गुना व्यापक हो लेकिन जिसमें सामान्य लैंस का उपयोग होता हो । तब लैंस वही देखता है जो आपकी दोनों आँखे देखती हैं ।
Linh of Technorama 617S ऐसा करता है। लेकिन फिल्म के उजागर होने के बाद यह एक बुरा सपना प्रतीत होता है। फिल्म को पहले पारदर्शिता में संसाधित करना होता है; जब कि मेरे पास अनुभव है इसलिए मैं इसे यहाँ खुद करता हूँ और फिर प्रारूप में परिवर्तित करके मुद्रण करना होता है।
अब सभी चॉकलेट-बॉक्स की तस्वीरों की वास्तविकता ,जो आप इंटरनेट पर देखते हैं, शायद आपको जगह की वास्तविक तस्वीर न दें। यह एक जटिल कार्य है; उन खूबसूरत तस्वीरों को प्राप्त करने के लिए उन्हें पकड़ने के लिए पर्दे के पीछे बहुत कुछ किया जाता है। सभी उपकरणों को साथ ले जाने की जरूरत है और वे बहुत बड़े होते हैं। आप नाम लें मैं हमेशा अपना पूरा डिजिटल कैमरा लेंस, लिनहोफ़, ट्राइपॉड को साथ लेकर चलता हूँ । जब प्रकाश की बात आती है, तो एक परिदृश्य को कृत्रिम प्रकाश का उपयोग करके कैप्चर नहीं किया जा सकता है जिसके लिए आपको सूर्य पर ही निर्भर करना पड़ता है।
एक बार हम चैरी ब्लॉसम देखने के लिए जापान गए। चार दिन जब हम वहाँ थे तो चैरी ब्लॉसम खिल गया था लेकिन वहाँ एक तूफान आया था। बूंदाबांदी हो रही थी। मुझे एक भी तस्वीर नहीं मिली और खाली हाथ वापस आ गया। इस तथ्य के अलावा कि ट्रिप के दौरान चैरी ब्लॉसम पेड़ के नीचे एक चाय समारोह करना शुभ माना जाता है और यह पूरे वर्ष भाग्य लाता है।
सही समय का पता लगाना
यूटा, ब्रायस कैनियन, येलोस्टोन नेशनल पार्क, सियोन नेशनल पार्क, स्लोट कैनियन एरिजोना। वहाँ की चट्टानें सभी कुछ खनिजों से भरी हुई हैं और सूरज की रोशनी में असली सुंदरता चमकती है। इसलिए इन परिदृश्यों को पकड़ने के लिए सूर्य को एक विशेष कोण पर होना चाहिए।
पतझड़ के दिनों में वरमोंट में वर्ष में केवल एक बार 10-12 दिनों के लिए पीले और नारंगी फूल खिलते हैं । ये एक प्राकृतिक घटना है, कि उनके खिलने की कोई पक्की तिथि नहीं होती है , इसलिए आपको दूसरी तरफ एक दोस्त को तैयार रखने और अपने टिकट को तैयार रखने की आवश्यकता है। यही एक सही तरीका है कि जिससे आप ये दृशय देख सकते हैं।
कभी-कभी आप एक बहुत ही अद्भुत स्थान पर पहुँचते हैं और सही प्रकाश व्यवस्था पाते हैं लेकिन यह विपरीत दिशा में है। कुछ स्थानों पर आपको अपने हाथ में डिजिटल कैमरे के साथ तस्वीरें लेने के लिए नीचे उतरना या ऊपर चढ़ना होगा, आपको इसे लगाने का एक तरीका खोजना होगा क्योंकि यदि आप इसे पकड़ते हैं और तस्वीर लेते हैं, तो आपके हाथ कांप सकते है। यह एक दुःस्वप्न के जैसे है।
पिछले 20 वर्षों से, मेरा और मेरी पत्नी का ये विचार है कि हम फोटोग्राफी के जुनून के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों की साल में लगभग तीन यात्राएं करेंगे। अगली यात्रा फ्लोरेंस और पेरिस में होगी।