नरेंद्र कुसनूर, दुःख भरे गाने की अपील की समीक्षा करते हैं और 20 टूटे दिल के हिट गाने चुनें हैं।
पुराने हिन्दी फिल्म संगीत के अधिकांश श्रोता दुःख भरे गीतों से मोहित होते हैं। दिलचस्प बात है, वे अक्सर इन धुनों का खुशी के साथ अभिवादन करते हैं, ना कि इन्हें सुनकर उदास होते हैं। कारण सरल है: इन गीतों को हृदय और आत्मा से गाया जाता है, और शब्दों की गहराई, उसका अर्थ और अपनापन इसे आपके व्यक्तित्व से पहचान करवाता है और जोड़ता है।
वर्षों से, इस शैली के कुछ विशिष्ट गायक रहे। इस सूची में कुंदन लाल सहगल, तलत महमूद और मुकेश का नाम सबसे पहले आता है, हालांकि मोहम्मद रफी और किशोर कुमार ने भी कई बेहतरीन गाने गाए। लता मंगेशकर ने भी कई हिट गाने गाए। स्वाभाविक रूप से, उनके गीतों को दर्द भरे नगमें के व्यापक बैनर के तले रिकार्ड लेबल द्वारा cassettes और compact discs में संग्रहित किया और बेचा गया।
यहां हमने 20 ऐसे गाने चुनें हैं जो वर्षों तक लोकप्रिय रहे, गाने की सूचि 80 के दशक के प्रारंभ तक सीमित है। जैसे इस पत्रिका के फरवरी पृष्ठ के लिए हमने प्रेम गीत चुनें थे। ये एक कठिन कार्य था, दी गई सूची से सिर्फ 20 गानों को चुनना क्योंकि हर पाठक शायद अपनी कोई पसंद का गीत इस सूची में ना पाए। गीतों का क्रम तिथि अनुसार है।
1.दिल जलता है तो जलने दे – पहली नजर, 1945
यह मुकेश का पहला बड़ा हिट गाना था जिसके बोल सफदर आह सीतापुरी के थे और संगीत अनिल विश्वास का था। मुन्नवर सुल्ताना और मोतीलाल पर फिल्माया गया गाना अपने समय के सबसे बड़े प्रसिद्ध गानों में से एक था और इसे मुकेश के कई संकलनों में शामिल किया गया।
2. जब दिल ही टूट गया – शाहजहाँ, 1946
अब्दुल राशिद कारदर की फिल्म ‘शाहजहाँ’ का यह गीत सबसे बड़े दुख भरे गीतों में से पहचाना जाता है और टूटे हुए दिल वाले लोग इस गाने से अपने आप को जोड़ कर देखते हैं। यह , एक बड़ा प्रसिद्ध गाना फिल्म अभिनेता और गायक कुंदन लाल सहगल का था,जिसके बोल मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत नौशाद का था।
3. मेरा सुन्दर सपना बीत गया – दो भाई, 1947
गीता दत्त की जादुई आवाज में गाए इस गीत के बोल कुछ इस तरह है ‘मैं सब कुछ हार गई’, राजा मेहदी अली खान ने लिखा और संगीत एस.डी.बर्मन का था। गाना कामिनी कौशल पर फिल्माया गया था।
4. जिंदा हूँ इस तरह- आग, 1948
मुकेश का गाया हुआ यह सदाबहार हिट गाना जिसका संगीत राम गांगुली का था और गाने को राज कपूर पर फिल्माया गया। बहजाद लखनवी के लिखे अमर बोल कुछ इस तरह है “जलता हुआ दीया हूँ मगर रौशनी नहीं”।
5.जाग दर्द–ए–इश्क जाग – अनारकली ,1953
संगीत निर्देशक के तौर पर सी.रामचंद्र के लिए ‘अनारकली’ एक बहुत बड़ी हिट थी जिसमें लता मंगेशकर का लोकप्रिय गाना ‘ये जिंदगी उसी की है’ भी था। ‘जाग दर्द-ए-इश्क जाग’ हेमंत कुमार और लता मंगेशकर ने गाया, जिसे राजेंद्र कृष्ण ने लिपिबद्ध किया। राग बागेश्री पर आधारित यह गीत दुःख और प्रेम का मिश्रण है।
6.शाम-ए- ग़म की कसम – फुटपाथ ,1953
जब दुःख भरे गानों की बात हो तो तलत महमूद इसके बादशाह माने जाते हैं। अली सरदार जाफरी के बोल और खय्याम के धुनों से सजे इस गाने को दिलीप कुमार पर फिल्माया गया। इस गाने की पंक्तियाँ ‘आ भी जा ,आ भी जा’ प्रेमिका की प्रतीक्षा में बैठे प्रेमी के दुःख और बेचैनी को बतलाता है।
7 . जाने वो कैसे- प्यासा, 1957
इस अद्भुत गाने के बोल ‘हमने जब कालिया मांगी ,कांटों का हार मिला’, सुधीर लुधियानवी के थे। गाने को गुरु दत्त और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया। इसका संगीत राग विलासी में था जिसे एस.डी.बर्मन ने बनाया और बोल हेमंत कुमार के थे।
8. हम प्यार में जलने वालों को – जेलर, 1958
लता मंगेशकर ने इस गाने को बड़ी तीव्रता से गाया जिसके बोल राजेंद्र कृष्ण के थे और संगीत मदन मोहन का। गाने की पंक्तियाँ कुछ इस तरह है “हम प्यार करने वालों को चैन कहाँ, हाय आराम कहाँ” जो Piano के धुन के साथ क्या शानदार ताल मेल बिठाता है।
9. तेरा जाना- अनाड़ी ,1959
लता मंगेशकर द्वारा गाया गया पसंदीदा गाना जिसे शैलेन्द्र ने लिखा, शंकर –जयकिशन ने संगीत में पिरोया, और गाने को नूतन पर फिल्माया गया। इसकी पंक्तियाँ ‘कोई देखे, बनके तकदीरों का मिट जाना’ मन के तारो को छेड़ जाता है।
10. मोहब्बत की झूठी कहानी पर रोये- मुगल-ए-आज़म
यह एक प्रसिद्ध गाना है जिसमें लता मंगेशकर, नौशाद और गीतकार शकील बदायूनी की जोड़ी का जादू था, जिसे मधुबाला पर फिल्माया गया। यह फिल्म के कई सफल गानों में से एक सफल गाने की झलक थी।
11.कभी खुद पर कभी हालत पर – हम दोनों, 1961
संगीत निर्देशक जयदेव और गीतकार साहिर लुधियानवी ने गाने को ग़ज़लों के तर्ज़ पर बनाया। रफी साहब कुछ इस तरह गाते हैं “कौन रोता है किसी और की खातिर ए दोस्त, सबको अपनी ही किसी बात पर रोना आया”।
12. फिर वही शाम – जहाँ आरा ,1964
राजेंद्र कृष्ण के लिखे इस गीत का मुखड़ा काफी दृढ़ है जो मन पर एक छाप छोड़ जाता है । ‘फिर वही शाम, वही गम और तन्हाई है’ तलत महमूद ने गाया और मदन मोहन ने लयबद्ध किया।
13. दोस्त दोस्त ना रहा – संगम, 1964
यह गाना त्रिकोणीय प्रेम में टूटी दोस्ती के दर्द और बेचैनी को व्यक्त करता है । राज कपूर की आवाज मुकेश बने। यह गीत राज कपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला पर फ़िल्माया गया था ।
गाने के दृश्य में राज कपूर piano पर गा रहे हैं जिन्हें वहाँ पास बैठे राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला देखते हैं । शैलेन्द्र के लिखे इस गीत को शंकर जयकिशन ने संगीत में पिरोया था।
14. दिन ढ़ल जाये- गाइड ,1965
स्पष्ट रूप से यह रफी साहब के गाए सबसे प्रसिद्ध गानों में से एक है, जिसमें देव आनंद ने अपनी भावना बहुत खूबसूरत तरीके से दर्शायी है। शैलेन्द्र के लिखे गीत ‘तू तो ना आए तेरी याद सताये’ की अद्भुत धुन एस.डी.बर्मन ने दी है।
15. ये दुनिया ये महफिल- हीर रांझा ,1970
संगीतकार मदन मोहन ने फिल्म ‘हीर रांझा’ के लिए कुछ महान गाने बनाए, जिसमें लता मंगेशकर का गाया गाना ‘दो दिल टूटे’ भी शामिल है। कैफ़ी आज़मी के लिखे गीत ‘ ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं’ रफी साहब ने गाया।
16. जानें कहाँ गये वो दिन- मेरा नाम जोकर, 1970
राज कपूर पर फिल्माए इस गाने को मुकेश ने गाया जो बीते हुए समय का प्रतिबिंब है। शंकर जयकिशन ने संगीत में राग शिवरंजनी का प्रयोग किया। हसरत जयपुरी के लिखे बोल कुछ इस तरह है ‘चाहे कहीं भी तुम रहो, चाहेंगे तुमको उम्र भर, तुमको ना भूल पाएंगे’।
17. कोई होता जिसको अपना – मेरे अपने, 1972
विनोद खन्ना पर फिल्माए इस गीत को किशोर कुमार ने गाया, जिसकी धुन सलिल चौधरी और बोल गुलजार के हैं । गाना एक आदमी के साथी नहीं होने की विवशता को दर्शाता है। गाने के बोल कुछ इस तरह है ‘पास नहीं तो दूर ही होता, लेकिन कोई मेरा अपना होता’।
18. जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं – आपकी कसम 1974
एक संगीतकार के तौर पर आर.डी.बर्मन का गाना उच्च कोटि का था, किशोर कुमार द्वारा गाए गए इस गाने के बोल आनंद बख्शी के थे। राजेश खन्ना पर फिल्माए इस गाने का सारांश एक आदमी के बीते समय में किए गए गलतियों के कारण दुखी मनोदशा को व्यक्त करता है।
19. बड़ी सूनी सूनी है – मिली, 1974
दिल को छू लेने वाला यह गीत अकेलेपन का विवरण करता है। योगेश द्वारा लिखे गए इस गाने को किशोर कुमार ने भावनात्मक रूप से गाया। गाने का संगीत एस.डी.बर्मन का था।
20. दिल के अरमाँ आंसुओं में बह गए – निकाह,1982
जब कोई दुःख भरे गाने की बात करता है, तो कई लोग इस गाने का जिक्र करते हैं, जिसे सलमा आगा पर फिल्माया गया और वो इस गाने की गायिका भी हैं। गाने में संगीत रवि का है और हसन कमाल की पंक्तियाँ कुछ इस तरह है ‘हम वफा करके भी तन्हा रह गए’।