जैसा कि हम इस वर्ष इनडोर(घर के अंदर) की शांत होली के लिए तैयार हैं, नरेंद्र कुशनूर ने विशेष रूप से रंगों के त्योहार को ध्यान में रखते हुए कुछ गाने इकट्ठे किए हैं।
जैसा कि हम इस वर्ष इनडोर(घर के अंदर) की शांत होली के लिए तैयार हैं, हम हमेशा कुछ ऐसे गीतों को ध्यान में रख सकते हैं, जो विशेष रूप से रंगों के त्योहार को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। उनमें से अधिकांश ने नर्तकियों के बड़े समूहों को चित्रित किया है और उन्हें बगीचों या खुले स्थानों में फिल्माया गया है।
रंगीन रूप और नृत्यकला को ध्यान में रखते हुए, संगीत निर्देशकों दवारा त्वरित गति ज्यादातर ढोलक, डमरू या नगाड़ा और भारी आवाज़ का उपयोग किया गया था। कुछ गानों को खाली स्थान की भरपाई के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जैसे की शोले और सिलसिला के गीत। कुछ गीत कहानी के हिसाब से लिए गए महत्वपूर्ण थे और कुछ को इस लिए शामिल किया गया था क्योंकि फिल्मों को होली के आसपास रिलीज(प्रकाशित) करना था। कारण जो भी हो, इस कालानुक्रमिक सूची में शामिल करने के लिए कुछ अद्भुत धुनें चुनी गई है।
- होली आयी रे कन्हाई – मदर इंडिया (1957):- शमशाद बेगम ने संगीत निर्देशक नौशाद के लिए कुछ बेहतरीन गाने गाए, जिसमें से एक यह भी है जिसे शकील बदायुनी ने लिखा है। समूह गीत में नरगिस, सुनील दत्त, राज कुमार और राजेंद्र कुमार सहित बड़े कलाकारों के साथ एक जीवंत आउटडोर(घर के बाहर) नृत्य में दिखाया गया है। सहगान गायन इसका आकर्षण था।
- अरे जा रे नटखट – नवरंग (1959):- संगीत निर्देशक सी. रामचंद्र ने संध्या और महिपाल की विशेषता वाले इस नाट्य की रचना की। आशा भोसले और संगीतकार महेंद्र कपूर के साथ रचनात्मक तरीके से इन पंक्तियों को गाया। गीतकार भरत व्यास ने लिखा,”आ गया होली का त्यौहार, उड़े रंग की बुहार “और ” धरती है लाल आज, अंबर है लाल, उडन दे गोरी गालों का गुलाल।”
- जोगीरा होली खेलत नंदलाल – गोदान (1963):- पंडित रविशंकर ने मोहम्मद रफ़ी और सहगान द्वारा गाए गए इस गीत के लिए संगीत तैयार किया। महमूद पर एक समूह में फिल्माया गया, यह एक सहगान लाइन के साथ शुरू हुआ, जो “जोगीरा सरारारा, देख चलीजा ” से पहले अंजान ने “होली खेलत नंदलाल बिरज बिन, ग्वाल बाल संग रास राचाय” लिखी।
- होली आई रे – होली आई रे (1970) :-1970 के दशक की शुरुआत में कल्याणजी-आनंदजी के लिए एक हिट गीत, जिसमें माला सिन्हा और धर्मेंद्र थे। यह एक समूह गीत था जिसे लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर और उषा खन्ना ने गाया था, जिसका गीत इंदीवर ने दिया था। गाने को शानदार ढंग से कोरियोग्राफ(नृत्य) किया गया था।
- आज ना छोडेंगे – कटि पतंग (1971):- जब यह फिल्म रिलीज़ हुई थी तब राजेश खन्ना सुपरस्टार बन गए थे। उनके और आशा पारेख पर फिल्माए गए इस गीत को आर डी बर्मन ने संगीतबद्ध किया था और किशोर कुमार और लता ने गाया था। आनंद बख्शी ने लिखा, “आज ना छोडेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली”।https://www.youtube.com/watch?v=hCLW9VOLpuc
- होली के दिन – शोले (1975):- सबसे लोकप्रिय समूह गीतों में से एक, यह धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन और एक गांव की भीड़ पर फिल्माया गया था। बख्शी ने लिखा, “होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं”। लता, किशोर और सहगान द्वारा गाया गया, यह आर डी बर्मन द्वारा धुन के लिए सेट किया गया था, जिसमें ठुमके का शानदार उपयोग किया था।https://youtu.be/qTC0b2Egaqw
- नीला पीला हरा गुलाबी – आप बीती (1976):- एक और लोकप्रिय गीत हेमा पर फिल्माया गया, इसमें परदे पर प्रेमनाथ और अशोक कुमार भी थे। लता, मन्ना डे और महेंद्र कपूर द्वारा गाया गया, यह लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित था। बख्शी ने लिखा, ” नीला पीला हरा गुलाबी,कच्चा पक्का रंग , रंग डाला मेरे अंग ।”
- रंग बरसे – सिलसिला (1981):- शिव-हरि ने हरिवंशराय बच्चन के शब्दों पर आधारित इस गीत की रचना की, जो शुरू हुआ, “रंग बरसे भीगे चुनरवाली रंग बरसे”। अमिताभ बच्चन, रेखा, जया बच्चन और संजीव कुमार बगीचे के दृश्य में दिखाई दिए, जिसमें अमिताभ अपने अलग अंदाज में गा रहे थे। बाद में, अमिताभ 2003 की फ़िल्म बागबान में आदेश श्रीवास्तव द्वारा रचित लोकप्रिय गीत ‘होली खेले रघुवीरा’ पर अन्य गायकों में शामिल हुए।
- होली आयी रे – मशाल (1984):- अनिल कपूर, रति अग्निहोत्री, दिलीप कुमार और वहीदा रहमान इस गीत में दिखाई दिए, जिसमें जोरदार तालियाँ ही तालियाँ बज रही थीं। हृदयनाथ मंगेशकर ने इसे किशोर और लता द्वारा गाए गीत के लिए संगीत तैयार किया। जावेद अख्तर ने सरल पंक्तियाँ लिखीं, “होली आयी होली आयी देखो होली आयी रे”।
- अंग से अंग – डर (1993):- अनुपम खेर और तन्वी आज़मी ने समूह नृत्य शुरू किया, और बाद में सनी देओल, शाहरुख खान के साथ शामिल हुए। बख्शी ने शिव-हरि के संगीत के लिए गीत लिखे और गायकों में अल्का याग्निक, विनोद राठौड़, सुदेश भोसले और देवकी पंडित शामिल थे।
इस उत्सव पर इन गीतों का सुनना बहुत मनोरंजक रहेगा परन्तु आज के हालात देखते हुए कोई भी होली बाहर नहीं ख़ेल सकता। सबको सुरक्षित होली मुबारक।