एक नजर कुछ प्रतिष्ठित हिन्दी फिल्म गानों पर जो प्यार के कई पहलुओं को उजागर करता है , नरेंद्र कुसनूर के द्वारा
आम धारणा के विपरित, हिन्दी सिनेमा में प्रेम गीत न केवल पेड़ों के आसपास चलने या सुरम्य बर्फ से ढ़के स्थानों पर नृत्य करने के बारे में है। उनका मतलब एक साधारण प्रेम पत्र लिखना, रेडियो पर एक संदेश देना, बारिश में भीगना या किसी ग्लैमरस पार्टी में किसी की भावनाओं को व्यक्त करना हो सकता है।
30 के दशक के प्रारंभ में जब सिनेमाघर आया तो संगीत प्रेमियों को नियमित रूप से सदाबहार प्रेम गीतों की सौगात मिलती रही। फिल्म के बड़े पर्दे पर आने के 50/60 साल बाद भी फिल्मों के कुछ गाने आज भी लोकप्रिय है। युवा पीढ़ी इन गानों को श्रद्धांजलि शो में गाते हैं या प्रतियोगियों द्वारा टेलीविजन टैलेंट हंट शो में गाया जाता है, रेडियो पर सुना जाता है और अंताक्षरी प्रतियोगिताओं और शादी पार्टियों में प्रस्तुत किया जाता है।
सम्भवतः 50 के दशक से लेकर 80 के दशक के प्रारंभ के बीच के समय ने हिंदी फिल्म संगीत के लिए सामान्य रूप से स्वर्णिम कला को चिन्हित किया। हमने इस युग से 20 अमर सदाबहार गाने चुनें हैं, गाने जिन्होंने अपनी ताजगी और प्रभाव को बरकरार रखा है।
उस समय जबकि सैकड़ों की संख्या में अतिउत्कृष्ट गाने बने, स्पष्ट रूप से इस अवधि के सिर्फ 20 गानों को चुनना सरल नहीं था। हर पाठक के अपने 20 या 50 अमर classical पसंदीदा गाने होंगे, परंतु हमने इस सूची को संकलित करते समय इन चार बातों को ध्यान में रखा है- गीत की मधुर अपील, इसके गीतों की शक्ति, इसकी व्यापक लोकप्रियता और इसकी काल निरपेक्षता।
हमारी पसंद:
- मिलते ही आंखें– बाबुल,1950
50 के दशक में मखमली आवाज वाले तलत महमूद दुःख भरे और ग़ज़ल गीतों के लिए जाने गए और श्रोतागण और दर्शकों ने उनकी गायकी को बहुत सराहा। शमशाद बेगम के साथ गाया गया गाना ‘मिलते ही आंखें’ उनके आदर्श युगल प्रेम गीतों में से एक है। संगीत नौशाद का है और गीत शकील बदायूनी का है, जो लिखते हैं ‘अफ़साना मेरा बन गया, अफ़साना किसी का’। गाने में दिलीप कुमार को Piano बजाते हुए दर्शाया गया है, और मुन्नवर सुल्ताना उन्हें इशारा करते नजर आती है
2.ये जिन्दगी उसी की है – अनारकली,1953
1953 तक लता मंगेशकर पहले से ही प्रमुख महिला हिन्दी फिल्म पार्श्व गायिका बन गई थी। यह अनोखा गाना ‘ये जिन्दगी उसी की है’ को महान संगीतकार सी. रामचंद्र ने धुनों से सजाया, राजेंद्र कृष्ण के बोल इसे और भी अच्छा बनाते है, और लता मंगेशकर का गाया ‘अलविदा’ अद्भुत है। गाने को वीना राय पर फिल्माया गया जो अनारकली की भूमिका में है और प्रदीप कुमार, राजकुमार सलीम की भूमिका में नजर आए।
3.प्यार हुआ इकरार हुआ – श्री 420,1955
राज कपूर और संगीत निर्देशक शंकर–जयकिशन की जोड़ी का एक साथ आना जादुई काम किया और ये गाना इसका प्रमुख उदाहरण है। राज कपूर और नर्गिस पर फिल्माया गया यह एक वर्षागीत है जिसे लता मंगेशकर और मन्ना डे ने गाया। शैलेन्द्र की लिखी पंक्तियाँ कुछ इस तरह है ‘प्यार हुआ इकरार हुआ है, प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल, कहता है दिल रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहाँ मंजिल’।
4. आँखों ही आँखों में– सी.आई.डी,1956
सबसे उत्कृष्ट गानों में से कुछ गाने देव आनंद पर फिल्माए गए। जां निसार अख्तर द्वारा लिखे इस आदर्श गाने को मोहम्मद रफी और गीता दत्त ने गाया, जिसमें शकीला और ओ.पी.नय्यर भी नजर आते हैं। यह गाना अपने चुलबुलेपन के कारण जाना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि देव आनंद के अधिकांश बड़े हिट गानों का संगीत एस.डी.बर्मन ने दिया, लेकिन यह एक अपवाद था।
5.हम आपकी आँखों में – प्यासा,1957
एस.डी.बर्मन अपने समय के बहुमुखी प्रतिभा वाले संगीतकार थे। गुरु दत्त का फिल्माया गाना जो एक स्वप्न दृश्य है, जिसमें उन्होंने संपूर्ण रोमांस को उजागर किया है। सुनील दत्त और माला सिन्हा एक दूसरे की आँखों में आंखें डाले Waltz नृत्य करने नजर आते हैं। गाने के अद्भुत बोल साहिर लुधियानवी के थे, जिसे मोहम्मद रफी और गीता दत्त ने गाया। गाने की मधुर पंक्तियाँ इसे एक पसंदीदा गीत बनाता है।
6.प्यार किया तो डरना क्या – मुगल–ए–आज़म,1960
नौशाद के इस रत्न को अतिसुंदर मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार पर फिल्माया गया, जो एक राज दरबार का सैट था। गाने में मधुबाला का अभिनय सर्वोच्च कोटि का है। बदायूनी की अमर पंक्तियाँ ‘प्यार किया कोई, चोरी नहीं की, छुप छुप आहें भरना क्या’, को लता मंगेशकर ने गाया जिनकी आवाज हवा में घुल जाती है। प्यार करने वालों के लिए ये प्रेमगान है चाहे वो वृद्ध हो या युवा।
7. चौदहवीं का चांद हो – चौदहवीं का चांद,1960
कई लोग महसूस करते हैं कि लयात्मक रूप से लिखा, यह अब तक के सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक है। बदायूनी की लिखी पंक्तियाँ ‘चौदहवीं का चांद हो, या आफताब हो, जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो’ को रवि ने बड़ी सुंदरता से संगीत में पिरोया। गुरु दत्त और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया यह गाना रफी साहब के गाए गए यादगार गीतों में से एक है।
- अभी ना जाओ छोड़ कर– हम दोनों,1961
साहिर लुधियानवी के गीत की शुरूआती पंक्तियाँ ‘अभी ना जाओ छोड़ कर, की दिल अभी भरा नहीं’ दिव्य है, और बाकी की पन्क्तियों को नज्म की शैली में मुक्त प्रवाह से लिखा गया है। संगीत जयदेव का है और गाने के गायक मो.रफी और आशा भोंसले एक दूसरे का अच्छा साथ निभाते हैं। गाना साधना और देव आनंद पर चित्रित किया गया। देव आनंद उस समय अपने करियर की ऊँचाइयों पर थे।
9. एहसान तेरा होगा मुझपर – जंगली,1961
60 के दशक के कुछ सबसे अच्छे गाने शम्मी कपूर पर फिल्माए गए जिसमें प्रेमगीत, मस्ती वाला और चुलबुले गाने शामिल है। ‘एहसान तेरा होगा’ गाने का संगीत शंकर-जयकिशन ने दिया जो कुछ उदासी वाला गाना था, लेकिन हसरत जयपुरी की लिखी पंक्तियाँ इसे खूबसूरत प्रेम गीत बनाती है। मोहम्मद रफी के अंदाज में गाया यह गाना ‘मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है’ अद्वितीय है।
10. ये मेरा प्रेम पत्र- संगम, 1964
इस त्रिकोणीय प्रेम कहानी में राज कपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला मुख्य भूमिका में थे गाने को राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला पर फिल्माया गया जिसका संगीत शंकर जयकिशन का है और रफी साहब ने अपनी आवाज दी। हसरत जयपुरी की लिखी पंक्तियाँ कुछ इस तरह है ‘कि तुम मेरी जिंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो’।
- लग जा गले- वो कौन थी?,1963
संगीत निर्देशक मदन मोहन ने अपनी सबसे बेहतरीन संगीत लता मंगेशकर के लिए दिए। ‘लग जा गले’ साधना और मनोज कुमार पर फिल्माया गया एक सदाबहार पसंदीदा गीत है, मुखड़े से लेकर अंतरे तक संगीत का एक पुल है, और पूरा गाना उतनी ही कुशलता से लिखा गया है। गाने के गीतकार राजा मेहदी अली खान हैं, जिन्हें अधिक पहचान नहीं मिली और दुःख की बात यह है कि उनका निधन 38 वर्ष की अल्प आयु में हो गया।
12. वो मेरे दिल के चैन- मेरे जीवन साथी,1972
60 के दशक के अंत ने राजेश खन्ना के उदय को एक नए सुपर स्टार के रूप में चिन्हित किया। आराधना, अमर प्रेम, कटी पतंग और कई अन्य फिल्मों के साथ उनका यह बेहतरीन गाना ‘मेरे जीवन साथी’ का है, जिसमें उनकी सह कलाकार तनुजा भी नजर आती हैं। आर. डी. बर्मन, मजरुह सुल्तानपुरी और किशोर कुमार का संयोजन बेहतरीन है।
13. एक प्यार का नगमा है – शोर,1972
संगीतकार लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल, के सबसे प्रसिद्ध गानों में से,एक यह गाना, ‘एक प्यार का नगमा है’ live shows पर गाया जाने वाला पसंदीदा गाना है। नंदा और मनोज कुमार पर फिल्माए गए इस गाने को लता मंगेशकर और मुकेश ने गाया। संतोष आनंद की पंक्तियाँ ‘जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है’ हमारे हृदय पर कभी ना भूलने वाली एक छाप छोड़ जाती है।
14. पल पल दिल के पास – ब्लैकमेल,1973
संगीतकार कल्याणजी–आनंदजी ने ऐसा सदाबहार गीत बनाया जिसे आज कल karaoke में अक्सर सुना जाता है। यह गाना किशोर कुमार के गाए हुए बेहतरीन गानों में से एक है, जिसे राखी और धर्मेंद्र पर चित्रित किया गया। गाने की शानदार पंक्तियाँ “मैं साँस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है, एक महका महका सा, पैगाम लाती है, मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गाती है”, गीतकार राजेंद्र कृष्ण ने लिखे।
- 15. तेरे मेरे मिलन की ये रैना- अभिमान,1973
इस गाने की परिस्थिति कुछ अलग थी, क्योंकि ये दो बिछड़े जोड़ों का पुनः मिलन गीत था। ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म की मुख्य भूमिका में अमिताभ बच्चन और जया भादुरी थे। गाने की धुन एस.डी.बर्मन की है, जिसके बोल मजरुह सुल्तानपुरी ने अपनी अनोखी शैली में लिखे। किशोर कुमार और लता मंगेशकर की जोड़ी ने क्या कमाल गाया है।
- मैं शायर तो नहीं- बॉबी ,1973
यह गाना प्यार में पड़े एक युवा के ज़ज्बातों को बताता है। नए-नए आए शैलेन्द्र सिंह, ऋषि कपूर की आवाज बने, आनंद बख्शी का लिखा यह अद्भुत गीत उनके कई लिखे गए गीतों में से एक है, जिसे लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल ने संगीत में पिरोया। हालांकि फिल्म की अभिनेत्री डिम्पल कपाड़िया थी, लेकिन इस गाने में नृत्य अरुणा इरानी का था।
https://youtu.be/jmeMg-gm1Ushttps:/youtu.be/jmeMg-gm1Us
- चुरा लिया है तुमने – यादों की बारात,1973
संगीत निर्देशक आर.डी.बर्मन और पार्श्व गायिका आशा भोंसले का संयोजन कमाल बना और यह गाना उनके सबसे प्रसिद्ध गानों में से एक है । गाने के दूसरे पार्श्व गायक रफी साहब हैं। गाने की पंक्तियाँ ग्लास की झनझनाहट और कभी ना भूल पाने वाले गिटार की धुन से शुरू होती है। गाने के बोल मजरुह सुल्तानपुरी के हैं। गाने को ज़ीनत अमान और विजय अरोरा पर फिल्माया गया।
18. तुम आ गए हो– आँधी,1975
गुलजार अपने अनोखी शैली और मनमोहक शब्दों में लिखे गीतों के कारण जाने जाते थे। संजीव कुमार और सुचित्रा सेन पर फिल्माया यह गाना ‘आँधी’ फिल्म से है, जो गुलजार साहब के करियर की एक झलक दिखलाती है । उन्होंने गाना कुछ ऐसा लिखा है: ‘जीने की तुमसे वजह मिल गई है, बड़ी बेवजह जिन्दगी आ रही थी’। किशोर कुमार और लता मंगेशकर द्वारा गाए इस गाने को आर.डी.बर्मन ने संगीत में पिरोया।
- कभी कभी मेरे दिल में – कभी कभी,1976
जब बात प्रेम कहानी और प्रेम गीतों की आती है तो फिल्मों में निर्देशक यश चोपड़ा का सिक्का चलता था। अमिताभ बच्चन, राखी और शशि कपूर पर फिल्माए इस अतिसुन्दर गीत के बोल साहिर लुधियानवी के हैं, जिसे उन्होंने अपनी प्रारंभ की लिखी कविताओं में से लिया है। मुकेश और लता मंगेशकर के द्वारा गाए इस गाने की शुरुआत ‘कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए’ सादगी भरा और प्रभावित करने वाला है।
20. ये कहाँ आ गए हम – सिलसिला,1981
यश चोपड़ा की फिल्म ‘सिलसिला’ से शास्त्रीय संगीतकार शिवकुमार शर्मा और हरिप्रसाद चौरसिया ने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत, शिव–हरि नाम से की। जावेद अख्तर द्वारा लिखा यह गाना ‘ये कहाँ आ गए हम’ जिसे अमिताभ बच्चन और रेखा पर फिल्माया गया अपने समय का राष्ट्रगान जैसा बन गया। गाने की गायिका लता मंगेशकर अपने उच्च शिखर पर थी, और अमिताभ बच्चन की आवाज में बोला हुआ नज्म ‘मैं और मेरी तन्हाई’ दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया।