‘मकर संक्रांति’ पर गुल पोली को फसल महोत्सव के दिन महारास्ट्रिय लोगों द्वारा तैयार किया जाता है।
मुख्य तत्व गुड़ और तिल हैं जो शरीर को गर्म रखते हैं और सर्दियों के दौरान आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं।
सामग्री:
- 1/2 किलो कोल्हापुरी चक्की गुल(गुड़) – कद्दूकस या बारीक काट लें ताकि इसमें कोई सख्त टुकड़ा ना हो।
- 1 कटोरी बेसन
- 3/4 कटोरी तेल
- 1/2 कटोरी तिल
- 1/4 कटोरी खसखस
- इलायची
विधि :
- तेल गरम करें और बेसन को भूनें जब तक उसमें से सुगंध ना आए ।
- बेसन और खसखस को अलग-अलग भून लें। इलाची के पाउडर को बारीक पीस लें ।
- बेसन के हो जाने के बाद इसमें गुल(गुड़) मिलाएं और तिल एवं खसखस को भी साथ में गरमा गरम अच्छी तरह मिलाएं। जरूरत महसूस होने पर इसे फूड प्रोसेसर के जरिए मिलाएं। मिश्रण चिकना होना चाहिए ताकि लड्डू आसानी से बन जाएँ।
- बहुत अधिक गुल(गुड़) के लिए आपको 4.5 कटोरी आटे की आवश्यकता होगी। मैंने 1 कटोरी मैदा और 2-3 चम्मच बेसन और बाकी सामान्य आटे का इस्तेमाल किया। 1 कटोरी आटे में 1 चम्मच तेल डालें। आटे को गूँध लें ।
- और फिर छोटे-छोटे पेढ़े बनाए, हर पेढ़े को दो भागों में बाँट दे औरफिर उनके भीतर गुल (गुड़) को डालकर उसके किनारों को सख्ती से दबा दे । फिर पीठी या चावल के आटे का उपयोग करके पोली(रोटी) बेलें ।
- जितना संभव हो उतनी पतली रोटी बेलें ।
- बहुत धीमी आँच पर भूनें जब तक कि वे थोड़ा रंग न बदल जाएँ। भूनने के समय धैर्य रखें फिर वे कुरकुरे बनेंगे ।
- पिघले हुए गुल (गुड़) में भुने हुए बेसन और अन्य सामग्री जोड़ने के विपरीत बेसन को भूनने और फिर गुल(गुड़) मिलाने से गुल(गुड़) नरम और लचीला रहता है ।
- 17-18 मध्य आकर पोली(रोटी) बनाए ।
- गुल पोली(रोटी) को एक चम्मच देशी घी और कुछ गर्म दूध या चाय के साथ गर्म करें।