आज 2 जून को राज कपूर के 32वें पुण्यतिथि पर नरेंद्र कुसनूर ने उनपर फिल्माए गए 10 सदाबहार गानों की सूची बनाई है।
जब पाशर्व गायक मुकेश की, अगस्त 1976 में मृत्यु हुई तो राज कपूर साहब ने बहुत दुख से कहा की आज मैंने अपनी आवाज़ खो दी। महान अभिनेता राज कपूर पर फिल्माए गए अधिकांश गानों में उनकी आवाज मुकेश बने और उनके अन्य गानों में मन्ना डे ने अपना योगदान दिया।
आज 2 जून 2020 को राज कपूर की 32वीं पुण्यतिथि पर हमने उनपर फिल्माए गए 10 लोकप्रिय गानों का चयन किया है।
परंपरागत रुप से, कपूर साहब को इन यादगार संयोजनों के लिए जाना जाता था। शंकर–जयकिशन के गानों की इस सूची में से 9 गानों में अपना संगीत दिया, वैसे ही शैलेंद्र ने 6 गाने लिखे। हालांकि उनकी फिल्मों के कुछ शानदार गाने हसरत जयपुरी ने भी लिखा है।
उनकी गानों की विशेषता ये थी की दर्शक और श्रोतागण बड़ी सरलता से उनसे जुड़ जाते थे।
विषय चाहे कोई भी हो – व्यक्तिगत , देशभक्ति, धार्मिक या रोमांटिक सभी ने हमारे मन पर अपनी सादगी और मधुरता की छाप छोड़ी है।
- आवारा हूँ– आवारा (1951)
‘आवारा हूँ’ राज कपूर की फिल्मी जीवन के प्रारंभ के हिट गानों में से एक है, इस गाने ने भारत ही नहीं परंतु चीन और रुस में भी अपना परचम लहराया । शैलेंद्र के लिखे इस गीत को मुकेश ने अपनी आवाज दी और शंकर– जयकिशन ने धुन से सजाया। राज कपूर ने चार्ली चैप्लिन की फिल्म ‘Tramp’ की भूमिका को प्रतिलिप्त किया है। ये गाना आज भी राज कपूर के सर्वोत्कृष्ट गानों में से एक है।
2.मेरा जूता है जापानी– श्री 420 (1955)
शैलेंद्र की लिखी देशभक्त पँक्तियाँ जिसमें कपूर साहब यह गाते नज़र आते हैं की चाहे मेरा कपड़ा, जूता, टोपी सब विदेशी हैं पर मेरा दिल हिंदुस्तानी है । ‘आवारा हूँ’ की तरह इस गाने ने भी बहुत धूम मचाई । इस गाने में शंकर– जयकिशन और मुकेश की जोड़ी ने एक बार फिर साथ काम किया। 2013 में आई Hollywood की फिल्म Gravity में फाल्दुत शर्मा इस गाने का एक हिस्सा गाते नज़र आते हैं।
3.आजा सनम – चोरी चोरी (1956)
‘आजा सनम ‘ 50 के दशक में आई फिल्मों के सबसे लोकप्रिय प्रेमगीतों में से एक है ,जिसे लता मंगेशकर और मन्ना डे ने स्वर अलंकृत किया है। हसरत जयपुरी के लिखे इस गाने का संगीत शंकर जयकिशन ने अपनी खास शैली में दिया है जिसके लिए वो जाने जाते हैं। गाना राज कपूर और नर्गिस पर फिल्माया गया ।
- सब कुछ सिखा हमने– अनाड़ी (1959)
मुकेश के द्वारा गाया गया एक और मधुर गाना जिसका संगीत शंकर– जयकिशन का है और बोल शैलेंद्र के हैं। राज कपूर और नूतन पर फिल्माए इस गाने में एक साधारण और सादगी से भरे एक व्यक्ति की भावनाओं को व्यक्त किया गया है जिसने जीवन में सबकुछ सीखा पर धूर्तता और चालाकी नहीं सिख सका ।
- जिस देश में गंगा बहती है– जिस देश में गंगा बहती है (1960)
देशभक्ति से ओत- प्रोत इस गाने में राज कपूर एक समूह में नजर आते हैं जिसकी धुन शंकर जयकिशन, बोल शैलेंद्र और आवाज मुकेश की है। गाने की पँक्तियाँ ‘ मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है’ दिल के तारो को छेड़ जाती है।
- छलिया मेरा नाम– छलिया (1960)
क़मर जलालाबादी की कलम से शुशोभीत इस गानें को नये-नये आए संगीतकार की जोड़ी कल्याणजी–आनंदजी ने दिया है। मुकेश का गाया यह गाना ‘हिन्दू ,मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई सबको मेरा सलाम’ सारे धर्म का एक समान आदर करते दर्शाता है।
7. दोस्त दोस्त ना रहा – संगम (1964)
Piano की धुन पर बना यह उदासी भरा गाना एक त्रिकोणीये प्रेम कहानी को दर्शाता है जो राज कपूर, राजेन्द्र कुमार और वैजयंती माला पर फिल्माया गया है। शंकर जयकिशन, शैलेंद्र और मुकेश की जोड़ी का जादू फिर चला।
- सजन रे झूठ मत बोलो– तीसरी कसम (1966)
शैलेंद्र का लिखा, मुकेश का गाया और शंकर–जयकिशन के संगीत से सजा यह प्रसिद्ध गाना, सच्चाई की महत्व का प्रचार करता है। इस फिल्म का दुसरा शानदार गाना ‘सजनवा बैरी हो गए हमार’ है।
- ये भाई जरा देख के चलो – मेरा नाम जोकर (1970)
प्रतिभाशाली मन्ना डे का यह लोकप्रिय गाना हमने इस सूची में सम्मलित किया है, हालांकि फिल्म में मुकेश द्वारा गाए कुछ और भी उत्कृष्ट गाने हैं। इस गाने में शंकर–जयकिशन ने संगीत दिया, नीरज के लिखे गीत सर्कस और दुनिया के बीच की समानताओं को दर्शाता है।
- एक दिन बिक जाएगा– धरम करम (1975)
आर. डी. बर्मन के संगीत से सजा यह गाना 70 के दशक में रेडिओ पर बजने वाला बहुत लोकप्रिय और पसंदीदा गाना था। मजरूह सुल्तानपुरी की लिखी पँक्तियाँ ‘जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल’, को मुकेश ने अपनी अनोखी शैली में गाया है।