जब भी हम बात हिन्दी सिनेमा के महान गायक मुकेश की करते हैं तो राज कपूर साहब का नाम हमारे जहन में सबसे पहले आता है, लेकिन उनके बहुत सारे हिट गाने हैं जो अन्य कलाकारों पर फिल्माए गए , नरेंद्र कुसनूरद्वारा
जब भी हम बात हिन्दी सिनेमा के महान गायक मुकेश की करते हैं तो ‘शो मैन’ राज कपूर का नाम हमारे जहन में सबसे पहले आता है । फिल्म ‘आवारा’ का गाना ‘आवारा हूँ ’ और ‘श्री 420’ का गाना ‘मेरा जूता है जापानी’ से लेकर फिल्म ‘तीसरी कसम’ का गाना ‘सजन रे झूठ मत बोलो’ और ‘मेरा नाम जोकर’ का गाना ‘जाने कहाँ’ जैसे बड़े हिट गानों, जिसमें दोनों ने साथ काम किया। अधिकांशतः इनके गानों का संगीत, संगीतकार शंकर– जयकिशन ने दिया ।
बावजूद इसके मुकेश के कई हिट गाने जो राज कपूर पर नहीं अन्य कलाकारों पर फिल्माए गए। इनमें से कुछ गाने दिलिप कुमार,राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों पर फिल्माए गए।
22 जुलाई को उनके 97वें जन्मदिवस पर हमने उनके 10 ऐसे हिट गाने चुने हैं जो अन्य कलाकारों पर फिल्माए गए। इनमें से कुछ पसंदीदा गाने ‘चाँदी की दीवार (विश्वास), जिस गली में (कटि पतंग) और कई बार यूहीं (छोटी सी बात)’ इस सूची में शामिल नहीं किए जा सके। गानों का चुनाव व्यक्तिगत और तिथि अनुसार है।
1.दिल जलता है –पहली नज़र (1945)
हालांकि, इससे पहले उन्होंने फिल्मों में अभिनेता और गायक के तौर पर काम किया, पर ये पहली बार था जब वो एक पाशर्व गायक के रुप में नजर आए। उन दिनों वो अपने आदर्श के.एल. सहगल की शैली में गाते थे, पर समय के साथ उन्होंने अपनी एक अलग शैली विकसित की। यह गाना मोतीलाल और मुन्नवर सुल्ताना पर फिल्माया गया है। गाने के बोल सफदर आह सीतापुरी के हैं और अनिल विश्वास ने इसे संगीत में पिरोया है।
2.ये मेरा दीवानापन– यहूदी (1958)
जब यह फिल्म आई उस वक़्त तक मुकेश को, राज कपूर की आवाज के रुप मे पहचाना जाने लगा था। लेकिन उन्होंने कुछ बड़े गाने दिलिप कुमार के लिए भी गाए, हालांकि अधिकांश संगीतकार नाटकीय गानों में रफी साहब की आवाज को प्राथमिकता देते थे।
‘ये मेरा दीवानापन’ शैलेंद्र का लिखा और शंकर जयकिशन द्वारा संगीत में पिरोया गया। यह एक सुन्दर गाना है और यह दुसरा मौका था जब उनका एक साथ काम करना,जादू बिखेरता है।
3.सुहाना सफर– मधुमती (1958)
दिलिप कुमार की एक और फिल्म ‘मधुमती’ का गाना ‘सुहाना सफर’ को मुकेश ने अपनी आवाज़ दी। यह फिल्म ‘यहूदी’ के एक हफ्ते बाद ही सिनेमा घरों मे प्रदर्शित की गई। यह संगीत निर्देशक सलील चौधरी के लिए बड़ी हिट साबित हुई, जिसके बोल शैलेंद्र ने लिखे। बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होने के सालों बाद भी इसके गाने टेलीविज़न पर लगातार चलाये जाते थे। गाने की मुख्य पँक्तियाँ कुछ इस तरह हैं, “सुहाना सफर और ये मौसम हसीं, हमें डर है हम खो न जायें कहिं”।
4.चांद आहें भरेगा– फूल बने अंगारे (1963)
कल्याणजी– आनंदजी द्वारा बनाए इस मधुर गाने को मुकेश ने आवाज दी जिसे आनंद बख़्शी ने लिपिबद्ध किया। गाने को राज कपूर और माला सिन्हा पर फिल्माया गया है, जो गाने में कार चलाते नज़र आते हैं। गाने की पँक्तियाँ इस प्रकार हैं, “चांद आहें भरेगा, फूल दिल थाम लेंगे, हुस्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे”।
5.सावन का महीना– मिलन (1967)
यह गाना उस समय की आई फिल्मों के हिट गानों में से एक था। गाना हमें सुनील दत्त और नूतन की यादों को ताजा कर जाता है, जब वो नूतन से यह कहते नजर आते हैं कि ये शोर नहीं, सोर होता है। आनंद बख़्शी के गीत और लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल के संगीत से सजा यह गाना, एक युगल गीत है जिसे मुकेश साहब ने लता मंगेशकर के साथ गाया है।
गाने की पंक्ति, ‘जियरा रे झूमें ऐसे, जैसे वन मा नाचे मोर’ एक सकारात्मक अनुभूति देता है।
6.रात और दिन दिया जले – रात और दिन (1967)
इस गाने को दो श्रेस्ठ संस्करणों में सजाया गया है जिसे मुकेश और लता मंगेशकर ने गाया है। प्रदीप कुमार और नर्गिस पर फिल्माए गए इस गाने को शंकर जयकिशन ने अपने संगीत में पिरोया है। हसरत जयपुरी के लिखे गाने की सुन्दर पँक्तियाँ कुछ इस तरह हैं, ‘रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अन्धीयारा है; जाने कहाँ है वो साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है’।
7. ओह रे ताल – अनोखी रात (1968)
मुकेश के द्वारा गाया यह हिट गाना आज भी पार्टियों में उनके चाहने वाले गाते हैं। इंदीवर की कलम से सजा और रौशन के संगीत में पिरोया यह गाना, संजीव कुमार, जाहिदा और मुकरी पर फिल्माया गया है। तीनों कलाकार गाने के दृश्य में बैलगाड़ी पर नजर आते हैं। चुलबुला संगीत और शानदार कोरस गाने को आकर्षक बनाता है।
8.कोई जब तुम्हारा – पूरब पश्चिम (1970)
इंदीवर के लिखे इस गीत में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से ये कहता नजर आता है कि तुम मेरे पास कभी भी लौट सकती हो, मेरा द्वार हमेशा तुम्हारे स्वागत में खुला रहेगा। मनोज कुमार और सायरा बानो पर फिल्माए गए इस गाने को कल्याणजी-आनंदजी ने संगीत में पिरोया है। संगीतकार ने इस गाने में संगीत यंत्र रवाब का बेहतरीन उपयोग किया है।
9. कहीं दूर– आनंद (1971)
बहुत सारे लोग इसे मुकेश के गाए सबसे अच्छे गानों में से एक मानते हैं। राजेश खन्ना पर फिल्माया गया यह गाना, जिसमें अमिताभ बच्चन भी नजर आते हैं, का संगीत सलील चौधरी का और बोल योगेश के हैं, जिनकी मृत्यु 29 मई को हो गई। मुकेश की आवाज एक मरते हुए परंतु खुश व्यक्ति ‘आनंद’ की भावनाओं को व्यक्त करती है, गाने के धुन और शब्द आपके दिलों दिमाग पर छा जाते हैं।
10. कभी कभी मेरे दिल में– कभी कभी (1976)
यश चोपड़ा की इस फिल्म में संगीत खय्याम का है। मुकेश द्वारा गाया गया यह हिट गाना साहिर लुधियानवी की लिखी कविताओं में से एक है। एक नज़्म के रुप में लिखे गए इस प्रेमगीत को अमिताभ बच्चन, राखी और शशी कपूर पर फिल्माया गया है। इस फिल्म का कभी ना भुल पाने वाला गाना, ‘मैं पल दो पल’ मुकेश ने ही गाया है।