Friday, April 19, 2024
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अतीत की सुखद यादें:

सीनियर टुडे के रीडर हेमंत पारेख एक व्यापारी तथा एक भावुक गायक है। वे मुकेश जी के सभी प्रकार के भावों के गाने गा सकते हैं, परंतु उन्हें मुकेश जी के संजीदा गाने बहुत ही अधिक पसंद हैं।

हमारे आमची मुंबई में बहुत से स्टेज शो ऑर्गेनाइज होते हैं और ज्यादातर उनमें केवल फिल्मी गाने गाए जाते हैं।जिनमें हमारी युवा पीढ़ी भी पुराने गाने – जैसे मोहम्मद रफी जी, किशोर कुमार और मशहूर गायक मुकेश जी के गानों को गाना पसंद करती है इन त्रिकोण पार्श्व गायकों के गानों से स्टेज गायक अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।और इनमें से कुछ स्टेज गायक बहुत ही मशहूर हैं जो कि केवल पार्श्व गायकों के ही गाने गाते हैं, उनमें से एक हेमंत पारेख  हैं।जो केवल मुकेश के गानों के लिए मशहूर हैं। और मुकेश के सभी प्रकार के गानों को गाते हैं परंतु उन्हें मुकेश जी के संजीदा गाने गाना ज्यादा पसंद है।

लॉकडाउन के दौरान  उन्होंने फेसबुक पर 25 लाइव प्रोग्राम किए उन्होंने “यू ट्यूब” पर हेमंत पारेख चैनल पर वर्चुअल शो भी किए हैं। तकरीबन 25 से अधिक स्टेज शो भी कर चुके हैं और आठ -दस साल से निरंतर गाना गा रहे हैं।

गायकी उनका प्रोफेशन नहीं है,  बल्कि उनका जुनून है। उन्होंने गाने की कोई प्रारंभिक ट्रेनिंग नहीं ली है। परंतु वह बचपन से ही संगीत के शौकीन रहे हैं और उनके पिता कन्हैयालाल संगीत के बहुत ही शौकीन थे जिनकी वजह से सुबह से रात तक पूरे दिन वे रेडियो ब्रॉडकास्टिंग पर गाने सुनते रहते थे उन दिनों उनके पास एक वुडन केबिनेट मर्फी रेडियो विद गरंडिग ग्रामोफोन था और उस पर लंबे समय तक रिकॉर्ड चलते रहते थे। पिताजी के तीन भाई थे और एक बहन थी और सभी संगीत प्रेमी थे।पिताजी फिल्मों के भी शौकीन थे और उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी उसी से प्रेरित होकर रखे थे जैसे दीपक,हेमंत, मुकेश और आशा और बच्चों को संगीत प्रेम पिताजी से विरासत में मिला था।

बचपन में हेमंत को पारिवारिक जिम्मेदारियों व बड़ा संयुक्त  परिवार होने की वजह से गाने का कभी भी मौका नहीं मिला  इसलिए गाने के क्षेत्र में वह कुछ नहीं कर पाए।परंतु 50 वर्ष की उम्र के बाद तथा सामाजिक जिम्मेदारियां निभाने के बाद उन्होंने अपने गाने के शौक को पुनः शुरू किया और स्टेज शो किये तथा अपना आत्मविश्वास बनाया वह एक बार में एक घंटे तक अकेले ही 12 या 15 गाने निरंतर गा सकते हैं और वह ढाई घंटे तक अपना शो चला सकते हैं।

विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने कभी भी अपना कोई निजी शो नहीं किया,परंतु अमेरिका में अपनी बहन के घर उन्होंने स्वयं का एक निजी प्रोग्राम किया।  उनके अनुसार गाना गाना एक तनाव मुक्त  करने वाली क्रिया है और उनका अनुभव यह दर्शाता है कि संगीत उन्हें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखता है।

यद्यपि गाना गाना उनका प्रिय शौक है परंतु उनको खेल खेलना भी पसंद है उन्होंने बहुत बार नेशनल टेबल टेनिस  टूर्नामेंट में भाग लिया और तैराकी करना भी उन्हें पसंद है जो कि वह तकरीबन 40 साल से कर रहे हैं।

उनके पिता उनके व्यापार के संस्थापक थे और उन्होंने  अपने पिता के व्यापार इंडस्ट्रियल बेल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को एमडी और चैयरमैन के रूप में संभाला।  उनकी पत्नी कंपनी की डायरेक्टर है तथा इनकी एक पुत्री है जिसका विवाह हो गया है और उनका 5 साल का नाती है।

उन्होंने केसिओ सीखने की कोशिश की, परंतु व्यापारिक जिम्मेदारियों की वजह से वह केसिओ पर अधिक ध्यान नहीं दे पाए क्योंकि इसके लिए निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है।

पिछले साल लॉकडाउन में इन्होंने गायकों व संगीतकारों की आर्थिक सहायता की। और अपने 60वें जन्मदिन पर चार संगीतकारों तथा दो अन्य गायकों व प्रसारणकर्ता “प्रशान्त राय” के साथ अपने यू ट्यूब चैनल पर “पारेख हारमोनी हार्टस” ” यह मेरा दीवानापन” शो किया।

यह बहुत ही आश्चर्यजनक था कि 8000 से ज्यादा लोगों ने इस शो का लुत्फ उठाया और चैनल को  250 से अधिक लोगों ने सब्सक्राइब किया।

इसके अलावा इनका अपना संगीत समूह है जो कि “अखंड” के नाम से जाना जाता है।जो कि एक या दो लाइव शो करते हैं। इस शो में उन्होंने मेरा नाम जोकर का मुकेश जी द्वारा गाया गीत “जाने कहां गए वह दिन” को गाया जिस पर दर्शकों ने खड़े होकर अभिवादन किया। “अखंड” म्यूजिकल ग्रुप का अगला लाइव शो “आलोक कटगरे” के साथ होना था। परंतु लॉक डाउन की वजह से सरकार की 2021 की ऑडिटोरियम और थिएटर गाइडलाइन आने तक स्थगित कर दिया गया है।

वह केवल मुकेश जी के ही गाने गाते हैं। और भगवान के आशीर्वाद से उनकी आवाज दर्शकों द्वारा बहुत सहारी जाती है।  उन्हें मुकेश जी के गाने पसंद है जिसके लिए उन्हें कोई अभ्यास नहीं करना पड़ता इसके साथ ही वह अपनी कमजोरी को भी जानते हैं कि बिना लिरिक्स ( गीत के बोल) रीडिंग के गाना नहीं गा सकते क्योंकि उनकी याददाश्त इतनी तेज नहीं है।

उन्हें मुकेश जी की आवाज में गाने वाले अन्य स्टेज गायक भी पसंद है,जैसे डॉ. कमलेश अवस्थी, मुख्तार शाह और आसिफ खान। अगर आप इन लोगों के गाने आंख बंद करके भी सुनेंगे तो आप महसूस करेंगे कि उनकी आवाज मुकेश जी की आवाज से बहुत हद तक मिलती है।

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