27 जून 2020 को महान संगीतकार आर.डी.बर्मन का 81वां जन्मदिन था, इस अवसर पर नरेंद्र कुसनूर ने उनके कभी ना भुल पाने वाले 10 ऐसे गाने चुने हैं, जिसे बहुमुखी प्रतिभा की धनी आशा भोंसले ने अपनी मधुर आवाज दी।
आर.डी.बर्मन के 81वें जन्मदिन को मनाने के लिए हमने गानों की सूची बनाई है जो केवल आशा भोंसले की आवाज में हैं।
आश्चर्य की बात है की यह कार्य उतना सरल नहीं था जितना नजर आता है।
आशा जी ने ढेरों सफल गाने रफ़ी साहब और किशोर कुमार के साथ गाए हैं जिसे संगीतकार आर.डी. बर्मन ने अपनी धुनों से सजाया।
अधिकांशतः ऐसा होता है, गानों की लम्बी सूची से 10 या 20 ऐसे गाने चुने जाते हैं जो अत्याधिक लोकप्रिय/ प्रसिद्ध हों, परंतु आशा जी के एकाकी (solo singing ) गानों की बात करें जिसमें दोनों ने साथ काम किया, बहुत कम हैं, कम से कम हिन्दी सिनेमा में तो नही। हां, उन्होंने बंगाली गानों में एक साथ बहुत काम किया ।
ऐसे बहुत सारे गाने जिसे आशा जी ने अन्य गायकों के साथ गाया जिसमें उनका ही प्रभुत्व रहा।
‘कारवां’ फिल्म का ‘पिया तू अब तो आजा’ और ‘खेल खेल में ’ का ‘सपना मेरा टूट गया’ जैसे गाने आर.डी.बर्मन ने आशा भोंसले के साथ स्वयं गाए हैं।
‘राजा रानी’ फिल्म का गाना ‘जब अन्धेरा होता है’ में भूपेंदर ने उनका साथ दिया, और ‘द ग्रेट गैम्बलर’ का प्रसिद्ध गाना ‘दो लफ्ज़ों की’ में अमिताभ बच्चन और शरद कुमार को उनके साथ गाते देखा जा सकता है।
फिल्म ‘जीवा’ का लोकप्रिय गाना ‘रोज रोज आँखों तले’ का अधिकांश भाग आशा जी ने गाया है, लेकिन अमित कुमार को इस गाने के एक बड़े भाग को गाने का अवसर प्राप्त हुआ।
फिल्म ‘इज्जत’ और ऐल्बम ‘दिल पड़ोसी है’ के ढेरों गाने आशा भोंसले ने गाए लेकिन इनके सिर्फ दो ही गाने हमने इस सूची में सम्मलित किए हैं।
कुछ गानों में आशा जी का साथ कोरस ने निभाया, जिसे इस सूची में शामिल किया गया है। उनके गानों की ये सुचि तिथी अनुसार है।
- दम मारो दम– हरे रामा हरे कृष्णा (1971)
आनंद बक्शी के द्वारा लिखा यह गाना नेपाल में रह रहे कुछ हिप्पियों के ऊपर है जो नशे की लत में चूर रहते हैं।
जीनत अमान और देव आनंद पर फिल्माया गया यह गाना जिसमें उन्होंने भाई बहन की भूमिका निभाई है, 70 के दशक का सबसे चर्चित और लोकप्रिय गाना था। इस गाने के संगीत और कोरस में एक बहाव है और आर.डी. बर्मन के गिटार की धुन और इसकी ताल आपको झूमने को मजबूर करती है। यह गाना आज भी क्लब में बजाये जाने वाला सबसे पसंदीदा गाना है।
- जाऊँ तो कहाँ जाऊँ– अनामिका (1973)
संजीव कुमार और जया भादुरी की इस फिल्म के कुछ हिट गाने ‘मेरी भीगी भीगी सी’ और ‘बाहों में चले आओ’ क्रमशः किशोर कुमार और लता मंगेशकर जी ने गाए हैं, लेकिन इस फिल्म के दो अन्य गानों में आशा ताई का भी योगदान रहा। इसमें से एक गाना “जाऊँ तो कहाँ जाऊँ, सब कुछ यहीं है; तेरे घर के बाहर तो,ना दुनिया ना दीन है”। आर.डी.बर्मन के मधुर संगीत को आशा भोंसले ने अपनी आवाज़ दी और मजरूह सुल्तानपुरी ने लिपिबद्ध किया।
3.बेचारा दिल क्या करे– खुशबू (1975)
फरीदा जलाल और हेमा मालिनी पर फिल्माया गया यह गाना जिसे संगीतकार आर.डी.बर्मन, गीतकार गुलज़ार और आशा भोंसले की जादूई जोड़ी ने क्या खुब सजाया है।
“बेचारा दिल क्या करे, सावन जले, भादो जले” गाने का संगीत कानों में रस घोलता है, जिसे आशा भोंसले ने बड़ी सादगी से गाया है।https://www.youtube.com/tKHbzWiGwxo
4.प्यार करने वाले (1980)
आर.डी.बर्मन ने उन दिनों सर्वाधिक उपयोग होने वाले डिस्को के धुन को इस गाने में इस्तेमाल किया और एक शानदार गाना बनाया। गाना परवीन बाबी, अमिताभ बच्चन और शशी कपूर पर फिल्माया गया है। आनंद बक्शी के गाने की पँक्तियाँ कुछ इस तरह है “प्यार करने वाले प्यार करते हैं शान से, जीते हैं शान से, मरते हैं शान से”।
5. खातुबा– अली बाबा और 40 चोर (1980)
मध्य एशिया की एक काल्पनिक कहानी पर आधारित यह फिल्म इंडो-सोवियत की प्रस्तुती थी।
आर.डी.बर्मन ने इस फिल्म के लिए ऐसा संगीत बनाया जो डिस्को और मध्य एशिया के साँस्कृतिक धुनों का समागम था। जीनत अमान पर फिल्माए इस गाने को आनंद बक्शी ने लिपिबद्ध किया।
6.कितने भी तू करले सितम– सनम तेरी कसम (1982)
कमल हसन और रीना रॉय पर फिल्माए गए इस हिट गाने के दो संस्करण है, जिसे क्रमशः किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गाया है। गीतकार गुलशन बावरा ने लिपिबद्ध किया।
मजेदार बात यह है कि 1982 में आई फिल्म ‘बेमिसाल’ का गाना ‘एक रोज मैं तड़प कर’ की धुन भी इस गाने की धुन से मिलती जुलती थी, जिसका संगीत आर.डी.बर्मन ने दिया।
7.फिर से आयो बदरा बिदेशी– नमकीन(1982)
शबाना आज़मी पर फिल्माए इस गाने को गुलजार ने लिपिबद्ध किया, आशा भोंसले ने अपनी मधुर आवाज़ दी और आर.डी.बर्मन ने संगीत में पिरोया।
गुलजार की लिखी अध्यात्मिक पंक्तियाँ “फिर से आयो बदरा बिदेशी, तेरे पंख पर मोती जरुंगी” कानों में रस घोलता है। यह एक अत्यधिक सुन्दर गीत है।
8.मेरा कुछ समान– इज्जत (1987)
इस गाने के अलावा भी फिल्म के कुछ बेहतरीन गाने ‘कतरा कतरा’ और ‘खाली हाथ शाम आई’ आशा ताई ने गाए। अनुराधा पटेल और नसीरुद्दीन शाह पर फिल्माए इस गाने को गुलजार साहब ने तीखे शब्दों से सजाया है जो सीधा दिल को छ्ल्लनी कर जाता है। आर.डी.बर्मन का यह संगीत रत्न से सजे एक आभूषण की तरह है।
9. रिश्ते बनते हैं – दिल पड़ोसी है (नॉन फिल्मी ऐल्बम 1987)
गाने की पँक्तियाँ “रिश्ते बनते हैं बड़े धीरे से, बनने देते, कच्चे लम्हों को जरा साख पर, पकने देते, पकने देते” इस ऐल्बम का मुख्य आकर्षण है।
गाने के संगीतकार आर.डी.बर्मन ने Orchestra को बड़ी मधुरता से प्रस्तुत किया। इस गाने में आशा भोंसले की आवाज जादू बिखेरती है।
10.मोन बोल्छे– अपोन अमार अपोन (1990)
आशा भोंसले ने ढेरों बंगाली फिल्मों और निजी ऐल्बम में गाना गाया। उन्होने ये गाने आर.डी.बर्मन, सलील चौधरी, मन्ना डे, बप्पी लहरी और सपन जगमोहन के साथ गाए लेकिन अधिकांश गाने वो पंचम दा के साथ गाए।
‘मोन बोल्छे’ के बोल मुकुल दत्ता के हैं जिसका मधुर संगीत पंचम दा के आभूषणों में से एक है।