यह मौसम, रेडियो,टीवी और स्ट्रीमिंग ऐप्स पर देशभक्ति गीतों को सुनने का है। नरेंद्र कुसनूरने अपने शीर्ष 20 गीतों की सूची प्रस्तुत की है।
इस साल, संगरोध और सामाजिक दूरी के कारण स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों में कमी आएगी। हालांकि, इन कार्यक्रमों में चलाए जाने वाले देशभक्ति गीतों को बहुत सारे लोग जानते हैं और हमेशा बड़े पैमाने पर रेडियो, टीवी और लाउडस्पीकर पर इन गीतों को चलाया जाता है।
अधिकांश देशभक्ति गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित हैं। लेकिन चीन और पाकिस्तान के विरुद्ध भारत द्वारा लड़े गए युद्ध की प्रतिक्रिया से, हमने कुछ गाने लिए हैं। कुछ गाने विदेश में रहने वाले भारतीयों द्वारा महसूस की जाने वाली उदासीनता की बात करते है।
यहां हमने ऐसे 20 गाने चुनें हैं। अधिकांश गाने हिंदी फ़िल्मों से लिए गए हैं और कुछ गैर-फिल्मी गाने भी हैं। क्रम कालानुक्रमिक। सूची को 1997 तक सीमित रखा गया है, जब भारत ने स्वतंत्रता के 50 साल पूरे होने का उल्लास मनाया।
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सारे जहां से अच्छा- पारंपरिक(1904 में लिखा गया, 1924 में पहली बार प्रस्तुत किया गया)
इस गाने को, कवि मो. इकबाल ने लिखा था। ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए यह एक राष्ट्रगान बन गया। यह, महात्मा गाँधी के पसंदीदा गीतों में से एक था। इस गाने को बाद में कई संस्करणों में रिकॉर्ड किया गया, जिसमें पंडित रवि शंकर और लता मंगेशकर के भी संस्करण सम्मिलित हैं।
2.वंदे मातरम- आनंद मठ(1952)
यह गाना बंकिम चंद्र चटर्जी के शब्दों पर आधारित था। यह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक लोकप्रिय देशभक्ति गीत भी था। इसके फिल्मी संस्करण की रचना हेमंत कुमार ने की थी , जिसमें उनके और लता मंगेशकर जी के अलग-अलग प्रस्तुतीकरण थे।
3.कदम कदम बढ़ाए जा– समाधि(1950)
मूल गीत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी का त्वरित मार्च गीत था, जिसे वंशीधर शुक्ला ने लिखा। सी. रामचंद्र ने इसके फिल्मी संस्करण को गाया और उसकी रचना की, जिसके बोल राजेंद्र कृष्ण के थे। ए.आर.रहमान ने 2004 में आई फिल्म “नेताजी सुभाष चंद्र बोस, द फॉरगोटेन हीरो” के बाद के संस्करण, में अपना संगीत दिया।
4.आओ बच्चों तुम्हें दिखाए- जागृति(1954)
इस क्लासिक गीत को कवि प्रदीप कुमार ने गाया, जिसे हेमंत कुमार ने संगीत में पिरोया। फिल्म में लता मंगेशकर के “साबरमती के संत” और मो. रफी के “हम लाए हैं तूफ़ान से”, जैसे अन्य स्मरणीय देशभक्ति गीत थे।
5.ये देश है वीर जवानों का– नया दौर(1957)
गाने को ऊर्जावान ग्राम नृत्य पर चित्रित किया गया। इस गाने के संगीत निर्देशक ओ.पी.नय्यर ने लोक धुनों का संगीत में उपयोग करने की, अपनी क्षमता सिद्ध की। साहिर लुधियानवी के लिखे इस गीत को मो.रफी और बलबीर ने गाया। तथ्य यह है कि स्टार अभिनेता दिलीप कुमार, जो इस नृत्य अनुक्रम का नेतृत्व कर रहे थे, गाने के आकर्षण को और बढ़ा गए।
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जिस देश में गंगा बहती है- जिस देश में गंगा बहती है (1960)
मुख्य रूप से, राज कपूर पर फिल्माए गए इस क्लासिक गीत को शंकर-जयकिशन ने अपनी धुनों से सजाया, जिसे मुकेश, मन्ना डे और लता मंगेशकर ने मिलकर गाया। शैलेन्द्र द्वारा लिखे गाने की पंक्तियाँ “हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है”, दिल के तारों को छेड़ जाता है।
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ऐ मेरे प्यारे वतन- काबुलीवाला(1961)
प्रेम धवन के लिखे इस अविस्मरणीय गीत की पंक्तियों: “ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान”, को मन्ना डे ने स्वरबद्ध किया। सलिल चौधरी द्वारा रचित इस गीत को बलराज साहनी पर फ़िल्माया गया था।
8.नन्हा मुन्ना राही हूं- सन ऑफ इंडिया(1962)
संगीतकार नौशाद और गीतकार शकील बदायूनी की जादुई संयोजन ने इस रत्न का निर्माण किया, जिसे शांति माथुर और कोरस में गाया गया। यह बच्चों के गाने और देशभक्ति धुन, दोनों ही रूप में अच्छी तरह से काम किया और विद्यालयों में इस गाने को नियमित रूप से प्रस्तुत किया जाने लगा।
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ऐ मेरे वतन के लोगों- गैर–फिल्मी(1963)
यह गाना, लता मंगेशकर द्वारा गाए गए सर्वकालिक लोकप्रिय गानों में से एक है। कवि प्रदीप के लिखे बोल की रचना सी. रामचन्द्र ने की। गाने को 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद लिखा गया था। जब इस गाने को प्रदर्शित किया गया तो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आँखों से भी अश्रु छलक पड़े।
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कर चले हम फ़िदा- हकीक़त(1964)
चेतन आनंद की, युद्ध पर आधारित फ़िल्म का गाना, “अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों”, को गीतकार कैफ़ी आजमी ने लिखा था। मदन मोहन के संगीत से सजे इस गाने को मो.रफी ने भाव विभोर होकर गाया। यह गाना अधिकांश स्वतंत्रता दिवस समारोहों का हिस्सा बनता है।
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ऐ वेतन,ऐ वेतन- शहीद(1965)
मो.रफी के गाए इस गाने को प्रेम धवन ने लिखा और इसकी रचना की। फिल्म, शहीद भगत सिंह के जीवन पर आधारित था और फिल्म में, “ मेरा रंग दे बसंती चोला”, “ वतन पर मरने वाला”, और बिस्मिल अजिमावादी का लिखा “सरफरोशी की तमन्ना”, जैसे प्रसिद्ध गाने भी थे।
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वो भारत देश है मेरा- सिकंदर-ए-आज़म(1965)
भारत की सुंदरता की व्याख्या करते हुए राजेंद्र कृष्ण ने गाने की पंक्तियाँ कुछ इस तरह लिखी हैं: “जहां डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा”। मो.रफी के गाए इस गाने को हंसराज बहल ने संगीत में पिरोया।
- मेरे देश की धरती- उपकार(1967)
महेंद्र कपूर के सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक, इस गीत को मनोज कुमार पर फ़िल्माया गया और संगीत कल्याणजी-आनंदजी का था। गुलशन बावरा की लिखी पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार हैं: “मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती”। यह गाना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अवश्य ही चलाया जाता है।
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ताकत वतन से- प्रेम पुजारी(1970)
नीरज के लिखे और एस.डी.बर्मन के संगीत से सजे इस समुह गीत को मो.रफी और मन्ना डे के साथ कोरस में गाया। गाने को देव आनंद और अन्य लोगों पर चित्रित किया गाया और यह गाना विद्यालय समारोहों में नियमित रूप से चलाया जाने वाला गाना बन गया।
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है प्रीत जहां की रीत सदा- पूरब और पश्चिम(1970)
इंदीवार के लिखे गाने की पंक्तियाँ, “भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूँ”, लोगों का पसंदीदा गीत बन गया। कल्याणजी-आनंदजी के रचित इस गाने को महेंद्र कपूर ने स्वरबद्ध किया। गाना मनोज कुमार पर चित्रित किया गया था।
16.हिन्दुस्तान की कसम- हिन्दुस्तान की कसम(1973)
यह गाना, भारतीय वायुसेना के सैनिकों को श्रद्धांजलि थी। इस गीत को मो.रफी, मन्ना डे और अन्य लोगों ने गाया। कैफ़ी आज़मी की लिखी पंक्तियाँ, “ ना झुकेगा सर वतन का, हर जवान की कसम”, को मदन मोहन ने संगीत में पिरोया। इस युद्ध फिल्म के अभिनेता राज कुमार थे।
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दिल दिया है जान भी देंगे- कर्मा(1986)
कविता कृष्णमूर्ति और मो.अजीज के गाए गीत, “दिल दिया है जान भी देंगे, ऐ वेतन तेरे लिए”, के बोल आनंद बख्शी ने लिखे और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने संगीत से सजाया। यह गाना कारावास में आयोजित एक समारोह का था और प्रकृति से प्रेरित था।
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भारत हमको जान से प्यारा है- रोजा(1992)
मणिरत्नम की फ़िल्म “रोजा” ने, संगीतकार ए.आर.रहमान के फ़िल्मी करियर को एक बड़ा उछाल दिया। इस फिल्म को हिन्दी में रूपांतरित करने से पहले तमिल में जारी किया गया और गाने का हिन्दी संस्करण पी.के. मिश्रा ने लिखा और हरिहरन ने इस उत्कृष्ट गीत को गाया।
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संदेशे आते हैं- बॉर्डर(1997)
जे.पी.दत्ता की फ़िल्मों के कई गानों की तरह इस गाने को भी एक भव्य स्तर पर फ़िल्माया गया था। गाने के बोल जावेद अख्तर के और संगीत अनु मालिक का था, जिसे सोनू निगम और रूप कुमार राठौर ने गाया। यह उस साल का प्रमुख हिट गाना था।
- माँ तुझे सलाम- गैर-फ़िल्मी(1997)
यह गाना, ए.आर.रहमान की ऐल्बम वंदे मातरम का शुरुआती गीत है, जिसे स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी किया गया। महबूब के लिखे इस गीत को संगीतकार ए.आर.रहमान ने स्वयं ही गाया। बाला और कणिका के द्वारा जारी किए गए वीडियो की भी बहुत चर्चा हुई, क्योंकि वीडियो का स्केल अच्छा था।