महान संगीतकार नौशाद एक मोहक शायर भी थे। नरेंद्र कुसनूर ने संगीतज्ञ के श्रेष्ठ 10 गाने चुने हैं जो उनकी समझ और बहुमुखी प्रतिभा को परिभाषित करते हैं।
- आवाज दे कहाँ है – अनमोल घड़ी(1946)
तनवीर नकवी की कलम से अलंकृत, नूर जहान और सुरेन्द्र के स्वर से सजा यह गाना नौशाद की शुरुआती हिट फिल्मों में से एक था।
- जब दिल ही टूट गया – शाहजहाँ(1946)
मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखा यह अत्यंत दुखद गाना है, जिसे सुपरस्टार कुंदन लाल सहगल ने अपनी आवाज दी।
- सुहानी रात ढल चुकी – दुलारी(1949)
ये हिट गाना, मो. रफी के गाए प्रारंभिक फिल्मों के हिट गानों में से एक है। यह अपने समय का बेहतरीन गीत था, जिसे शकील बदायूनी ने लिपिबद्ध किया है।
- मन तड़पत – बैजू बावरा(1952)
वैसे तो फिल्म में कई हिट गाने थे, परंतु ‘मन तड़पत’ रफी साहब के श्रद्धापूर्वक भाव से गाने और संगीत में राग मल्कौंस के इस्तेमाल के कारण याद किया जाता है।
- इन्साफ का मंदिर है – अमर(1954)
मो. रफी का गाया एक और खूबसूरत गाना जिसे नौशाद– बदायूनी की जोड़ी ने क्या कमाल लिखा है। गीत की पंक्तियाँ कुछ इस तरह है “इन्साफ का मंदिर है, ये भगवान का घर है”।
- दुनिया में अगर आए हैं – मदर इंडिया(1957)
फिल्म ‘मदर इंडिया’ का यह लोकप्रिय गाना मंगेशकर बहनें, लता, मीना और उषा मंगेशकर ने गाया है। गाने में एक संदेश है जो महत्त्वपूर्ण और समय से परे है।
- प्यार किया तो डरना क्या – मुगल–ए–आजम (1960)
सबसे बड़े प्रेमगीतों में से एक जिसे लता मंगेशकर जी ने गाया और खूबसूरत मधुबाला पर फिल्माया गया।
- मधुबन में राधिका – कोहिनूर(1960)
मो. रफी का गाया यह गाना राग “हमीर” के कारण जाना जाता है जिसे दिलिप कुमार पर फिल्माया गया था। गाने में सितार वादन उस्ताद अब्दुल हलीम जग्गेर खान का है।
- मेरे महबूब तुझे – मेरे महबूब(1963)
साधना और राजेन्द्र कुमार पर फिल्माया गया यह गाना मो. रफी का बड़ा हिट गाना था जिसे नियमित रुप से रेडिओ पर चलाया जाता था।
10.आज की रात – राम और श्याम(1967)
वहीदा रहमान और दिलिप कुमार पर फिल्माए इस गीत में रफी साहब ने Piano का बेहतरीन इस्तेमाल किया है।